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Brass 2 Inch Nag For Narmadeshwar shivling - narmadeshwar shivling center

Enhance your Narmadeshwar Shivling puja with a Brass 2-Inch Nag, a sacred serpent representing Lord Shiva’s divine energy. This finely crafted brass Nag is perfect for adorning Narmadeshwar Shivling, bringing protection, positivity, and spiritual power. Ideal for temples, home altars, and religious ceremonies, this Nag for Narmadeshwar Shivling enhances the sanctity of worship. Made from high-quality brass, it adds a traditional touch to your Shiva puja setup. Get this beautiful brass Nag and invite the blessings of Lord Shiva into your
 life.
“नाग” या “सर्प” (Snake / Naag Devta) को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली देवता माना गया है।
 घर में नाग देवता की मूर्ति या प्रतीक (विशेषकर शिवलिंग के साथ या अलग से) रखने से कई तरह के आध्यात्मिक और ऊर्जात्मक लाभ मिलते हैं।
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🐍 घर में नाग देवता रखने के प्रमुख फायदे:

1. 🕉️ शिव कृपा और संरक्षण

  • नाग भगवान महादेव के गले में विराजमान हैं, इसलिए जहाँ नाग का वास होता है, वहाँ शिव की कृपा स्वतः बनी रहती है।
  • इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियाँ दूर रहती हैं

2. 🌿 वास्तु दोष से मुक्ति

  • नाग प्रतिमा या प्रतीक रखने से घर के वास्तु दोष, पितृ दोष, और सर्प दोष का निवारण होता है।
  • घर की ऊर्जा संतुलित होती है और मानसिक शांति बनी रहती है।

3. 💰 धन और समृद्धि में वृद्धि

  • नाग देवता को भूमि और धन के रक्षक माना गया है।
  • पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार, धन स्थिरता, और अचानक हुए नुकसान की भरपाई होती है।

4. 💫 आध्यात्मिक शक्ति और जागरण

  • नाग शक्ति कुंडलिनी ऊर्जा से जुड़ी है।
  • घर में नाग देवता की उपस्थिति ध्यान, साधना, और ऊर्जा संतुलन में सहायक होती है।

5. 👨‍👩‍👧‍👦 परिवारिक शांति और सुरक्षा

  • नाग देवता की कृपा से परिवार में अनबन, कलह, और बीमारियों से रक्षा होती है।
  • घर में सकारात्मक वातावरण और स्थिरता बनी रहती है।

🔱 घर में नाग रखने के कुछ नियम:

  1. नाग की मूर्ति या शिवलिंग पर नाग का प्रतीक उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में रखें।
  2. रोज़ या सोमवार को दूध, जल और फूल अर्पित करें।
  3. मंत्र जप करें:
    👉 “ॐ नमः नागदेवाय”
    या
    👉 “ॐ नमः शिवाय नागराजाय नमः”
  4. नाग की मूर्ति को कभी पैरों से न छुएं और हमेशा पवित्र स्थान पर रखें।